तुम होते हो खफा।
तुम होते हो खफा। हम मना लेते है तुम्हे।
क्या हम खफा हो। तुम मनाओगे हमे।
सोचते है होकर देखें खफा एक बार सही।
फिर खयाल आता है कही गवा ना ले तुम्हे।
हर दिन सोचते है की आज छुएंगे तुम्हे।
फिर डरते है कही रूला दे ना तुम्हे।
हम खफा नहीं जिन्दगी से।
हमारा हर दिन गुलजार है जो तू साथ रखे हमे।
तुम क्यों गभराते हो। इन लोगों को घबराने दो।
तुम चाहते रहो हमे। क्योंकि जीना भी है हमे।
चाहो हमे। तुम चाहो हमे। चाहते रहो हमे।
क्या इससे भी कोई
जरूरी काम है तुम्हे।
ये जो दरिया बेहता है ये
मुझसे पूछता रहता है।
की तुम भी कभी रुलाओगे
हमे।
तुम्हारी चाहत ने ही हमारा
जीना मुसकिल किया है।
मरने के लिए जहर की जरूरत
नही हमे।
हमारे ख्याल तो हमे परेशान
करके रखते है।
क्या तुम्हारे ख्याल
परेशान नही करते तुम्हें।
अब तो बहुत ही जज्बाती
बाती हो रहा हु मैं।
कभी मिलो तो सही हमे।
दफन दिल मे अरमान बहुत है।
तुम आओगे तो बताएँगे
तुम्हें।
रात हो तो सो जाया करो।
हमारा क्या हमारे खवाब तो
दिन मे भी काबू कर लेते है हमे।
इस शायर को भी लिखने के
लिए अल्फ़ाज़ों की जरूरत होती है।
तुमसे तकलुफ है दिखते रहा
करो हमे।
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