Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

आँखें चुराना भी आ गया Ankhein Churana Bhi Aa Gaya Hindi Poetry


"एक तकलूफ कीजियेगा। जो इश्क कीजियेगा। तो इश्क ही करना। सौदे बाजी जहा हो। वो व्यापार होता है। दिल ले के दिल देना भी एक अदा है। दिल ले के दिल तोड़ना तो गुनाह होता है।"

अब तो आँखें चुराना भी आ गया। 


पहले मिलना मिलाना ही कम हुआ। अब तो आँखें चुराना भी आ गया। तेरी जुल्फे घनी बेमिसाल इनमे बाते छुपाना भी आ गया। क्या आशिक हुए तेरे हम सनम। तुझको आशिक बनाना भी आ गया। पहले मिलना मिलाना ही कम हुआ। अब तो आँखें चुराना भी आ गया। 


आरजू है जुस्तजू है तुझे प्यार करे। फूलों से ना सही कांटो से प्यार करे। संग तेरे जी ना जो गवारा ना हो। के आरजू है संग तेरे हम मरे। तेरी यादों में काटी राते सनम। तुझको पल में भूलना भी आ गया। पहले मिलना मिलाना ही कम हुआ। अब तो आँखें चुराना भी आ गया।

ठीक था इन आंखो पर पहरा जुल्फों का। इनमे राज छुपाना कोई ठीक नहीं। अगर दिल में छुपाना है तो हमको छुपाओ। इनमे बाते छुपाना कोई ठीक नही। सब ठीक है मेरी जान इस जमाने में। बस तुमसे नजरे मिलना ही ठीक नहीं। पहले आता था दिल को लगाना तुम्हे। अब तो दिल को बहलाना भी आ गया। पहले मिलना मिलाना ही कम हुआ। अब तो आँखें चुराना भी आ गया।


कांच के टूटने का गम करने से क्या होगा। जब दिल तोड़ कर आपको नींद आ जाती है। अदालत आपकी में गुनेगार फरिश्ते है। वफादारो को वहा सजा दी जाती है। जाते है जो एक बार दिल से सनम। उनकी कहा कोई खबर आती है। जिसने जीना सिखाया हमको सनम। वो ही मौत से हमको मिला गया। पहले मिलना मिलाना ही कम हुआ। अब तो आँखें चुराना भी आ गया।


         THANKS TO READING


WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA



       PLEASE LEAVE COMMENT 


READ THIS:-


https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/06/blog-post_1.html


https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/06/blog-post_91.html


https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/06/blog-post.html


https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/05/blog-post_67.html


Post a Comment

1 Comments