तेरे बिना हमने लिखना जो चाहा हाथ थम गए। हमने कहना जो चाहा लब थम गए। हमने देखना जो चाहा आंखें मानी नहीं। हम बंध गए तेरे इश्क की डोर से अब चाह कर ये टूट पानी नहीं।
सोचता हुँ ऐसा क्या लिखूं जो तेरा नाम बन जाये क्या दुआ मांगू खुदा से जो तू मिल जाये
हक़ीक़त में न सही जाना हम खाबो में ही दोनों एक हो जाये
जब हो नजदीक तू मेरे यह समा रुक जाए चाँद तारे हमे देख अस्मा में छुप जाए
कितना खूबसूरत वो लम्हा बन जाए जब हर नजर तेरे पर हो और बस तेरी निगाहों मे मेरी सूरत नजर आये
अगर मिल सकु तो मिलना चाहूंगा उस मिटटी में जिस पर तेरे कदम चलते है हर दम पर जपते है तेरा नाम जितने हम दम भर पाए।
हमने तुम सा आजिज न पाया कभी कोई जाना यूँ तो इस दिल ने बहुत हमदम पाए।
THANKS TO READING
WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
PLEASE LEAVE COMMENT
READ THIS:-
0 Comments