Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

इंतजार INTZAAR HINDI POETRY

वक्त भी परेशान हुआ जितना वक्त आपको दिया देख कर। और तुमने वक्त ना लगाया हमे अपने से अलग करने में। हमने इंतजार किया आपका, हमने एतबार किया आपका। पर अपने वक्त ना लगाया हमे खुद से जुदा करने में।




इंतज़ार की हद हुई अब ना जीना है हमे। जिए भी तो किसके लिए जीना है हमे। जिनके हाथों को थाम कर निकले थे सफर में वो ही सफर में छोड़ गए। अब बताओ किसका हाथ पकड़ कर चलना है हमे। इंतज़ार की हद हुई अब ना जीना है हमे। जिए भी तो किसके लिए जीना है हमे।

जो सांसे भरी संग तेरे अब बिन तेरे चुभने लगी है। जो रातें काटी संग तेरे अब बिन तेरे डसने लगी है। अब हस्ती है ये दुनिया हम पर। हमको पागल कहने लगी है। ये दुनिया हस्ती है हम पर इस बात का ग़म नहीं है हमे। पर इनमे शामिल तू भी है ये गम सहा ना जाता है हमे। 

हमसे बेसहारो को सहारा आपका मिले। हमसे दरियो को किनारा आपका मिले। हमे मिले प्यार जितनी दफा आपका मिले। हमसे परिंदो को कैद मिले वो तेरी वो। और किसी की कैद में ना रहना है हमे। इंतज़ार की हद हुई अब ना जीना है हमे। जिए भी तो किसके लिए जीना है हमे।

लाखो दुआए मांगी आपके लिए। हमने दुनिया भुलाई आपके। हमने किया क्या क्या आपके लिए। ये बात खतम यहां है की हमने सासे भुलाई आपके लिए। अब मौत से मोहबत बेहतहशा हो चुकी है अब डर मौत का भी ना रहा है हमे। इंतज़ार की हद हुई अब ना जीना है हमे। जिए भी तो किसके लिए जीना है हमे।

आपके इंतजार में हम हर पल बैठे रहते थे चलो छोड़ो इससे आपको क्या। आपके इंतजार में हमने रातें गुजारी थी चलो छोड़ो इससे आपको क्या। आपको याद रखा हमने और सब कुछ भुला दिया चलो छोड़ो इससे आपको क्या। तुझ बिन हमारा पल भी गुजरे हमारी सांसे चले, हमारी रातें गुजरे ये ना गवारा है हमे। इंतज़ार की हद हुई अब ना जीना है हमे। जिए भी तो किसके लिए जीना है हमे।

        THANKS TO READING

WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA


       PLEASE LEAVE COMMENT 

READ Thiss:-





Post a Comment

0 Comments