"फरियाद, दुआ लाखो बार, की आपके लिए।
जामो में घोल कर यादें पी है आपके लिए।
आप थे, है, और रहेंगे सब कुछ हमारे। हम कुछ ना थे, ना है, ना कभी होंगे, आपके लिए।"
तू है अगर दुआ। मैं पल भर को भी हाथ नीचे ना करू।
तू है अगर सांसे। मैं इन्हे रोक लू खुद से कभी न जुदा करू।
मैं खुद को कुछ ऐसा करू।
तेरे संग रुकु तेरे संग ही चला करू।
"आपके खयाल से खयाल मिलाकर खुद को भूल जाना चाहता हूं। मैं खुद को तेरी यादों की बारिशों में भीगना चाहता हु। चाहत इस कदर है तुझसे की तेरे बिना मैं बस मौत को पाना चाहता हु।"
तू अगर शामो में मिले मुझसे मैं अपने दिनों को शाम करू । मैं भूल जाऊ इस जहान को बस तुझे ही खुदा करू।
तुझे करू अपने करीब अपनी सांसों की तरह और सबको जुदा करू। तू मिल जाए मुझे तू ही बता मैं ऐसा क्या करू।
"आंखों में बस आजकल चेहरा तेरा रहता है। तू हर पल चलता है साथ मेरे जैसे मेरे साया मेरे साथ रहता है। मेरा दिल कहता है की कब मिलना होगा तुझ्से। बस ये तुझसे मिलने की तड़प में तड़पता रहता है। सेहता रहता है ग़म -ए - जुदाई, करता है तेरी तस्वीरों से बात, और करता है दुआ तूझसे और तुझे अपना खुदा कहता है।"
WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
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