सुना है आजकल हमारा खयाल करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना है आप बैठे रहते है ताक में हमारी। सुना है हमारा इंतजार करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो
सुना है आपको सोने देती नही यादें हमारी। सुना है रातों को नींदे बर्बाद करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना हैं आपको रहा ना यकीन किसी पर। सुना है खुद से भी मलाल करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना है जी पाओगे या नही आप हमारे बगैर। सुना है खुद से ये सवाल करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना है चुभने लगी है आंखों में आपके ये रोशनी। सुना हैं रात होने का इंतजार करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना है बहता है आंखो से अंशुयों का दरिया। सुना है खुशियों की तलाश करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना है मिटना चाहते हो हस्ती अपनी। सुना है हम में मिलने की बात करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
सुना हैं सही नही जाती ग़म-ए-जुदाई आपसे। सुना है हमसे मिलने की फरियाद करते हो। जनाब आप भी कभी कभी कमाल करते हो।
"अब हार ही हार मिलती है मुझे जीत की ओर जाते।
अब शक न रहा मुझे की अपने है रुलाते।
अब पल पल हर पल मैं मरने को बेबस हो गई।
तू आजा तो जी लू मैं कुछ पल खुशी के।
वरना मेरे लिए ये जिंदगी जीना संघर्ष हो गई।"
WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
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