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पर तू ना आए Par Tu Na Aaye Sad Poetry

 

"मेरी बाहें तुझे बुलाए। पर तू ना आए। क्यों ना आए।

मेरी सांसे थमती जाए। पर तू ना आए। क्यों ना आए।"




पर तू ना आए। क्यों ना आए।


मेरी बाहें तुझे बुलाए। पर तू ना आए। क्यों ना आए।

मेरी सांसे थमती जाए। पर तू ना आए। क्यों ना आए।


जो आ जाए हमे खयाल आपका किसी पल। हम रात भर सो ना पाए। कैसे तू सो जाए। समझ ना आए। पर तू ना आए। क्यों ना आए।


हमारी आंखो ने बस आपको देखना चाहा। आपको सुनना चाहा। आपको बोलना चाहा। आपके बिना हमने कहा कुछ चाहा। तेरे खयाल आए हवा में मिल कर। पर तू ना आए। क्यों ना आए।


जिन रास्तों पर साथ चलना चाहा। वहा अकेला चलना पड़ रहा। इससे बुरा भला क्या होगा। हमने खुद से खुद को पाने के लिए लड़ना पड रहा है। की आए हमारी मांगी हर दुआ लौट कर। पर तू ना आए। क्यों ना आए।


एक अरसा हो गया की हंसे नहीं हम। एक अरसा हो गया सोय नहीं। एक अरसा हो गया की आंखो ने देखा नही चहरा खुद का भी। की एक अरसा हो गया बस रोए, रोए, रोए है हम। एक पल को मेरे अंशु भी सुख जाएं। पर तू ना आए। क्यों ना आए।


सोचता हु तुझसे मिल कर बहुत कुछ कहेंगे। यह सांस थम जायेंगे। पर ये लब ना रुकना चाहेंगे। देखती रहेंगी ये आंखे तुझे। ना झुकेंगी पलके पल को भी। हम पकड़ लेंगे आपको ना जाने देना चाहेंगे। क्यों ये खयाल आए मुझे बार बार। पर तू ना आए। क्यों ना आए।


WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA


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