"लिखना हो नसीब किसी का वो भी मुस्किल ना लगे।
करना हो कैद समुंदर, वो भी मुस्किल ना लगे।
छुना हो चांद अगर काम ये भी आसान है जनाब।
अगर छुना आपको हो। हमे ये मुस्किल ही मुस्किल लगे"
संभल कर चल रहे थे जाने ना कैसे पैर फिसला हमारा। कैद था ये दिल जिस्म की जंजीरों में जाने ना कैसे तोड़ कर निकला हमारा। जब से मिला तुझे। ये दिल गुलाम हुआ तेरा। इंतजार कर रहा है तेरा। काफिर बन गया है तेरा।
चल रहा है भटक रहा है तेरी राहों में। दो पल को सही मुझे चैन आए तेरी बाहों में। पन्हो में रहे तेरी बस तेरा बन कर। मुझे सकून मिले बस तेरी दुआओं में। मन्तो में मांगू बस तुझे। तू आखिरी बन गया है अरमान मेरा। इंतजार कर रहा है तेरा। काफिर बन गया है तेरा।
आशिक बन गया हूं तेरा। जब से दीदार हुआ है तेरा। इन आंखो की कशिश मुझे खींचे तेरी ओर। मुझे खुमार हुआ है तेरा। अब बंदिशे सब तोड़ कर। रिश्ता संग तेरे जोड़ना है। मैं भूल जाऊ खुद को बस बन कर रह जाये तेरा। इंतजार कर रहा है तेरा। काफिर बन गया है तेरा।
भूल कर खुद को मैं खुद को मिटना चाहता हु। तुझे याद रख कर सब भूलना चाहता हु। मैं दिखता रहु बस तुझे। और सबकी नजरों से मिट जाना चाहता हूं। दूर करके खुद को खुद से। ये जिस्म तेरे संग साया बन कर रहे तेरा। इंतजार कर रहा है तेरा। काफिर बन गया है तेरा।
कैसे धुआं बन कर ये जिस्म हवा बन कर आए तेरे दर तेरा मेहमान बन कर। रहे तेरे जिस्म में साया बन कर। रह जाए तेरे घर तेरा अपना बन कर। तुझसे दूरी पल भी गवारा ना हो हमे। तू जीने के लिए सहारा बन जाए मेरा। इंतजार कर रहा है तेरा। काफिर बन गया है तेरा।
अब हर दिन कमाल नहीं बेमिसाल गुजर रहा है। हर दिन बन कर सावन बरस रहा है। तरस रहा है ये दिल मिलने को तुझे। मेरा हर लम्हा बन कर तेरा गुजर रहा है। तुझे देखने को तड़पती है आंखें। बन गया हूं मैं मोहताज तेरा। इंतजार कर रहा है तेरा। काफिर बन गया है तेरा।
WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
PLEASE LEAVE COMMENT
Please If You Like It Than Please Comment Me. And If You Don't Like Me Than Also Send My Mistakes.
⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫ THANKS TO READING ⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫⧫
Read This:-
https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/05/blog-post_80.html
https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/05/blog-post_29.html
https://keshavsharma16.blogspot.com/2021/05/blog-post_28.html
0 Comments