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तू आजा करीब मेरे Tu Aaja Karib Mere Mujhe Karaar Aaye Zara Hindi Poetry

"कैसे कोई हो सकता है इतना प्यारा। जिसे जितनी दफा देखे। हर दफा ऐसा लगे कि बस बार देखे। ये आंखें उसी पल बंद हो हमारी जिस पल ये तेरे बिना कुछ और देखे भी जरा।"


तू आजा करीब मेरे मुझे करार आए जरा।


"तू आजा करीब मेरे मुझे करार आए जरा। तेरे संग सांस भरू मैं। मुझे सांस आए जरा। मरे है तेरी यादों मे बेइंतह सनम। हम में कुछ तो जान आए जरा। तू आजा करीब मेरे मुझे करार आए जरा।"


"तन्हा तेरी यादों में लम्हा लम्हा गुजारा है। हम भुला दे इस आलम को जो तू हमारा है। तुम्हारा है मेरा जिस्म ओ सनम। इन सांसों पर हक तुम्हारा है। तू बन बारिश की बूंदे बरस मुझ पर जाए जरा। तू आजा करीब मेरे मुझे करार आए जरा।"


"इस दुनिया के दर्द में मुझे आराम मिले। कुछ ऐसा कर मेरी निंदो को ख्वाब मिले। हम जागे है रातों के हमे तेरी बाहों का सहारा मिले। डर लगे इस दुनिया के चहरों से हमे। तू छुपा ले अपने साए में आकर जरा। तू आजा करीब मेरे मुझे करार आए जरा।"


"बेखुदी सी है अब हर लम्हा। खुदी को भूल गए है हम। अब ढूंढ ना पाए हमे कोई। कुछ ऐसे तुझ में खो गए है हम। अब हसेंगे तेरे संग। रोना था जितना रो चुके है हम। धड़के बेहद दिल मेरा। ये नाम किसका लेता है तू सुन तो आकर जरा। तू आजा करीब मेरे मुझे करार आए जरा।"



WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA



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