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हां मुसकुराना छोड़ दिया Han Muskarana Chord Diya Hindi Poetry

"मुस्किलो से इतना लड़े है की अब इनसे घबराना छोड़ दिया। तोड़ दिया हर ख्वाब अपना। अरमानों को दरिया किनारे छोड़ दिया। हमने खामोशी सजा ली है चहरे पर। बोलना छोड़ दिया है। हां हमने मुश्कुराना छोड़ दिया है"






आपको होगा मौत ए खौफ
खौफ मौत का कभी का छोड़ दिया हमने।
इतना रूला दिया खुशियों ने हमे
रुख खुशियों का दूसरी ओर मोड़ दिया हमने।
हां मुस्कुराना छोड़ दिया हमने।


बच्चे थे हम और बच्चे है हम, और इस हद तक हमारी नादानी है। की हीरो की तलाश में हमने रिस्तो की खाक छानी है। हमारी शुरवात रोने से हुई आखिर रोने तक हमारी कहानी है। इस दरिया ए जिंदगी में किनारे बहुत मिले पर हर किनारे ने हमे डुबाने की ठानी है। इतना जी चुके इन गमों में की रख हमे गमों में खुदा से बोल दिया हमने। हां मुस्कुराना छोड़ दिया हमने।

अब गम साथ है बेशक तू साथ नही। ये शराब साथ है बेशक शबाब साथ नहीं। की ये कांटे साथ है बेशक गुलाब साथ नहीं। हां हम बर्बाद है। जा तू आबाद सही अब शराब पीता हूं नशे के लिए नशा तेरी मोहब्बत का छोड़ दिया हमने। हां मुस्कुराना छोड़ दिया हमने।

जख्म दिल में था मरहम बाहर लगाए गए। हमारे खयालों से तेरे होने के खयाल मिटाए गए हमारी सांसों से खुशबु छीनी गई आपकी। आपके होठ फिर मुस्कुराए गए। की कितना अजीज था तुझे तेरा शहर। तूने घर वही बनाया जहा हम दफनाए गए। बंद दरवाजा करके जिंदगी का दरवाजा मौत का खोल दिया हमने। हां मुस्कुराना छोड़ दिया हमने।


WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA


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