एक हुनर - ए - जिंदगी हमे ये मिला है की पड़ लेते है
वो जो कोई चहेरे पर लिखाए बैठा है।
एक हुनर - ए - जिंदगी हमे ये मिला है की पड़ लेते है वो जो कोई चहेरे पर लिखाए बैठा है।
सुनो फिर एक चहेरे की बात जो हमे हिलाए बैठा है। देखा है बस तस्वीरों में उसे हकीकत में कुछ दूर बैठा है।
जीकर कुछ यूं है उसका की मासूमियत और सादगी से ऐसे भरा है वो। जैसे कोई सागर दरियों को अपने अंदर समाए बैठा है।
कुछ उदास है कुछ कर लेता है देख औरों को चहरे पर हसी दिल में बहुत कुछ दफनाए बैठा है।
हुऐ है रूबरू आवाज से उनकी मिठास के साथ कुछ दर्द महसूस ऐसा हुआ है। जैसे कोई दुखो में फिरियाद खुदा से करने बैठा है।
दर्दों को हस कर काटना, जख्मों को अकेले ही बाटना, अपने दर्द ना बताना किसको, दूसरो के दर्द मिल कर बाटना, ऐसी अनेक काबिलियत को सिखाए बैठा है।
"एक खयाल हैं हमारा की अपने ख्यालों के संग उसके जोड़ना है। नाता तोड कर इस दुनिया से संग उसके जोड़ना है। दर्दों पर उसके बन बादल खुशियों के बरस जाऊ मैं। जहा जाए रास्ते उसके अपने रास्तों को भी इसकी तरफ मोड़ना है।"
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