तेरे बिन
सांसे थम गई तेरे बिन। के रातें गुजरे ना तेरे बिन। ये आँखें देखे तुझको ही। ना देखे कुछ भी तेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
तेरी बाहों में जो चैन था। मिला ना चैन तेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
सांसे थम गई तेरे बिन। के रातें गुजरे ना तेरे बिन। ये आँखें देखे तुझको ही। ना देखे कुछ भी तेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
देखना चाहे आँखें बस तुझको ही। बोलना चाहे लब बस तुझसे ही। चलना चाहे कदम मेरे संग तेरे। हमसफर बना ले हम तुझको ही। चलना चाहे ना कदम पल भी तेरे बिन। कैसे तू चल रहा मेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
मायूसी हर दम चहरे से लिपटी रहती है। अंशुयो से आंखो की नदी भरी रहती है। ये धड़कन तेरी है ये सांसे भी तेरे नाम लेती है। हमारा जीना मुस्कील हुआ तेरे बिन। कैसे तू जिले मेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
हर रास्ते पर ये आंखें ढूंढ रही तुझको ही। हर रास्ते की मंजिल माने तुझको ही। अब अनजान में भी हो गया इनके लिए। अब ये बस जाने तो जाने तुझको ही। हमने जानना ना चाहा कुछ तेरे बिन। कैसे तू सब को जानता रहा मेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
हमारे बिस्तर ,हमारी दिवारे, हमारे कबड, हमारी अलमारी तब से हमसे गैर हो गए। जब से आप गैर हो गए। हमारे गांव भी हमारे ना रहे। जब से आपके शहर हो गए। हमने सबको पराया किया तेरे बिन। कैसे तूने सबको अपना बनाया मेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
दर्द दिलो के कम भी होते। जानेमन दिल के जख्मों के मरहम नही होते। पी ले तेरी यादें भूलने को हम भी शराब। पर इस शराब से गिरने अंशु बंद नही होते। हम तो। बस रोए ही रोए है तेरे बिन। कैसे तू खुश रहा मेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
अब इस दिल को ऐशो-ओ -इशरत को शौक नहीं। इस बंजर दिल को पैसे का शौक नहीं। इस विरान से जिस्म को तन्हाई पसंद है। इसे अब द्वारा से बसने को शौक नहीं। हम तो उजड़े ही है तेरे बिन। कैसे तू बस गया मेरे बिन। तू ही बता। कैसे हुआ तू मुझसे जुदा।
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WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
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