हम जब भी आँखें बंद करे चहरा सामने आपका आता है। मेरे हाथो को दुआ तेरी की आदत हो गई। हमारे कदमों को रास्ता तेरा याद आता है।तू मेरी मंजिल और मेरा खुदा है मेरे लिए। तेरा एहसास खास है मेरे लिए। तू दूर भले ही है मुझसे। तेरी याद काफी है पास मेरे लिए।
मेरी याद में तू रहता है। मेरे जेहन में तू रहता है। मेरे जिस्म में तू रहता है। मेरे दिल में तू रहता है। तू मेरा खुदा हुआ इस हद तक। की तुझे देखना भी इबादत है मेरे लिए। तेरा एहसास खास है मेरे लिए। तू दूर भले ही है मुझसे। तेरी याद काफी है पास मेरे लिए।
जैसे इन फूलों को ओश की बूंदों का सहारा है। जैसे इन पत्तो को बारिश की बूंदों का सहारा है जैसे जरूरत है इस कायनात को खुदा की। वैसे हमको तेरा सहारा है। मेरे इन सांसों को चलाने के लिए तू जरूरी है मेरे लिए। तेरा एहसास खास है मेरे लिए। तू दूर भले ही है मुझसे। तेरी याद काफी है पास मेरे लिए।
अब प्यास ना रही जिस्म की ना प्यास रही पानी की हमे। अब भूख ना लगे पल को भी अब भूख ना रही ज़माने की हमे। अब तो बस तू आए हमे तेरा इंतजार रहता है। बस तेरा दीदार काफी है मेरे लिए। तेरा एहसास खास है मेरे लिए। तू दूर भले ही है मुझसे। तेरी याद काफी है पास मेरे लिए।
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WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
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