मेरा भी एक आखरी दिन होगा।
मेरा भी एक आखरी दिन होगा।
होगा मगर यह पता नहीं कब होगा।
रोएंगे हमारे लिए भी बहुत से लोग।
रोएंगे मगर यह पता नही ये कब होगा।
जिनसे मिलने को तरसते रहे ता-उमर।
उस दिन हमारे लिए उनके पास भी वक्त होगा।
वो वक्त मेरे पास होगा जिसका इन्तजार था हमे।
जिस वक्त से बस एक मुझको मतलब होगा।
जिनकी आंखो में चुभे है केशव वो भी कहेंगे अच्छा था।
हमारे लिए उनके लबों पर भी अच्छा लफ्ज़ होगा।
अभी तक की खुद से बातें खुद से दुख बांटा हमने।
उस दिन हर किसी को हमारे ना बोलने का गम होगा।
हमारे दीदार के इंतजार को भीड़ होगी दरवाजे पर।
कोई हमारे सराने तो कोई हमारे पास बैठा होगा।
कोई चूमेगा माथे को कोई हाथो को हाथ लगाएगा।
कुछ छोटे बच्चो की तरह मुझसे लाड होगा।
हमारे तन को ढका जाएगा सुंदर वस्त्र से।
लोगो के चेहरों पर उदासी का पहरान होगा।
क्या लेकर आया था केशव क्या लेकर जा रहा है।
कुछ ऐसे सवालों को मेरे जेहन में बसर होगा।
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WRITTEN BY:- KESHAV SHARMA (kanha)
हां जाएं साथ हमारे हमको क्या खबर केशव।
जो जाए वो उस अजनबी का नशा होगा।
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