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मेरा यकीन कर मेरी हमनफस मेरी जाना।

 मेरा यकीन कर मेरी हमनफस मेरी जाना।


मैं बदलता मौसम हु क्या पता बदल जाऊ मैं। 

तुमसे इश्क तो कर लिया अब क्या हद से गुजर जाऊ मैं।


मैं शौंक हु जिसे पूरा करना एक खयाल होता है। 

तुम मोहब्बत हो मेरी क्या पता तुम्हें हद से बढ़कर चाहु मैं


मैं एक तरसता और तड़पता हुआ बादल हु यारा। 

तुम छुप जाओ कही क्या पता तुम पर बरस जाऊ मैं।


तुमको याद कर कर के लिख लेते है कभी कभी । 

क्या पता तुम्हें पा कर हम कुछ अच्छा ना लिख पाऊं मैं।


तुम्हे हैरत है इस बात से की चाहते है हम आपको कुछ दिनों में ही। 

हमको हो गई अब कैसे इससे दूर जाऊ मैं


आपको ऐतबार - ए - मोहब्बत हो तो दिल में पनहा दीजियेगा। 

वरना कही टूट के ना बिखर जाऊ मैं।


हर मौसम को पूछता रहा की आप हम करते हो याद। 

इनका कहना भी यह था कि बस टूट कर तुम्हे चाहु मैं।


मैं आज कल आइने को कम तुम्हारी आंखो में खुद को देखता हु 

अब है ये हमसे खफा इन्हे कैसे मनाऊं मैं।


मेरी तरफ एक नजर आए आपकी तो जान दे दे हम कसम से। 

तुम करो नजर हमारी तरफ तो आसानी से मर जाऊ मैं।


एक इतफ़ाक है की आप आ गए हो जिंदगी में मेरे। 

वरना कभी ख्वाब में भी ना तुम्हे पा पाऊं मैं ।


इतनी सी बात है राधे इस केशव का ना सरे आपके बगैर। 

अब आप ही बताईए कैसे सार पाऊं मैं।


हमारे पास वक्त है आपके लिए हर वक्त मेरे यार। 

वरना वक्त के लिए भी वक्त ना निकाल पाऊं मैं।


इन नैनो में मेने जिंदगी देखी है अपनी । 

अब ऐसी जिंदगी मिले तो कैसे खुल के ना जी पाऊं मैं


मैं आम सा इंसान हु राधे ना शोहरत प्ले है। ना दौलत। 

बस प्यार है प्ले हमारे उसे ही आपको दे पाऊं मैं।


मुझको इतना तो इश्क कर की मैं अपने गमों से रुखशत हो जाऊ। 

या इन गमों के सहारे ही जिंदगी काट जाऊ मैं।


आपका चाहना भी कहा आसान है राधे। 

आपके खयालों में कुछ लिखने के जगह आपका नाम लिख जाऊ मैं।


अब तो कामना भी मुस्किल हो गया हमारा कैसे करेंगे गुजारा। 

दफ्तर में बैठ कर आपके खयालों में वक्त काट आऊ मैं।


अब बताइए जो अपने ठुकराया तो कहा जाएंगे राधे। 

तुम्हे ना पाने से अच्छा मर जाऊ मैं।


तुम्हे खुशी देने की जगह दर्द में ना ले आए डरते है। 

कितना अंधेरा है हमारे अंदर तुम्हे कैसे दिखाऊं मैं।


मैं अच्छा था कभी अब इस दुनिया ने बेगैरत बना दिया राधे। 

अब चाह कर भी अच्छा ना बन पाऊं मैं।


इस रात को तुम्हारे खयालों के सहारे गुजार लेते है। 

वरना मेरी कहा औकात इसे निकाल पाऊं मैं।


मैं तुमसे पहले मौत को मांगा करता था दुआओं में । 

अब तो हर दुआ में आपको मांग लाऊ मैं।


मोहबत हो गई आपसे खाता यह प्यारी हो गई हमसे। 

अब इस खाता की रातों को जागने के रूप में सजा पाऊं मैं


मेरे हमसफर मेरे हमदम मेरे दर्द की दवा तुम हो। 

और एक दर्द वजह भी आप बन गए कैसे बताऊं मैं।


मुझको चाह ना सको तो इतना ही बता दो राधे। 

की तुम्हे भूल कर और क्या चाहु मैं


हाल बेहाल हो गया राधे जिन लफ्जो को लबों पर ना लाया कभी 

आज कल ऊनी को दोहराउ मैं


तुमसे खफा होकर मर जाएंगे हम। 

इससे अच्छा तो लगता है मर ही जाऊ मैं।


मेरे अश्कों को भी बहने में मजा आने लगा। 

पहले ऐसे ही बहते थे अब तुम्हारी याद में बहाऊ मै।


मैं तड़प जाता हु सौ नही पता इस कदर परेशान हु इस जिंदगी से। 

अब क्या करूं अकेला हु थोड़ा ही कमा पाऊं मैं।


मेरी हालत खराब रहती है। हमे सोचने की बीमारी रहती है। 

हमारे ख्वाबों ने मारा हमे वरना कहा मर पाऊं मैं


हमे तारीफे करनी नहीं आती थी राधे पर 

तुम्हे देख कर करते करते ना तक पाऊं मैं।


THANKS FOR READING

WRITTEN BY:- KESHAV SHARMA (kanha)

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