बारिश बाहर भी जारी है। बारिश अंदर भी जारी है।
देख आज का हाल कैसा है। बारिश बाहर भी जारी है। बारिश अंदर भी जारी है।
चीख उठा है दिल मेरा शोर अंदर भी जारी है शोर बाहर भी जारी है।
किसी के लिए ये बारिश अच्छी है। किसी की कुटिया आज फिर डूबी है।
भर कर बहेंगे सब दरिया बाहर के। बहना समुन्दर अंदर का भी जारी है।
झूम उठे है दरखत तूफान में। बाहर माहौल हसी का जारी है। पर अंदर क्यों है उदासी हमारे। अंदर क्यों हो रही तबाही है।
खरियत पूछ लेता था जो कभी फोन करके। लगता है आज कल उसके फोन और उसमे भी रूठना मनाना जारी है।
जिस रोग की आंच ही आंच है ना कोई दवा ना दारी है। हमे लगी ऐसी बीमारी है।
हमने चाहा जिसे दुनिया से बढ़ कर। उसे आज कल यह दुनिया प्यारी है।
चलो शिकवा करना क्या बदलते मौसमों का बदलना उनका नसीब है। यहां लोगो का बदलना भी जारी है।
सुना है पल भर को याद ना करे लोग भूल जाते है। फिर जिसे हर लम्हा याद किया उसने भूलने की क्यो ठानी है।
ये कलम लिख लेती है दिल की बाते कैसे। जब दिल बंध चुका है बेड़ियों में तेरी। तो इन हाथो को खोलने के पीछे क्या समझदारी है।
बेचने चला था इस जिस्म को चाह कर भी बिका नहीं। पर जबसे से लगाया तेरी यादों का बाजार तबसे भीड़ जारी है।
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