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अल्लाह खैर करे Allah Khair Kare Sad Poetry


"मेरे लिए मांगी दुआ को तेरी तरफ मोड़ दे।
तेरी तरफ आते दुखो को नसीब मेरे से जोड़ दे।
तेरे लबों को हरपल अमृत मिले।
मैं अगर पानी भी पीयू खुदा उसे भी जहर करे।
अल्लाह खैर करे





मेरे दिल को तेरे दिल से दूर रखे ।
मेरे लबों पर तेरी सलामती की दुआ रखे।
मेरे चलते रहे सांस तेरे बाद भी।
अल्लाह खैर करे।

हर शाम बैठ जाते है मैं और मेरी तनहाई इस तारो से भरे आसमान में अपने खाली नसीब को लिए और करते है बाते तेरी और रोते है इस कदर की आंसू सुख जाए पर दिल रोने से नही रुकता। अब का तो हमे पता नही पर आगे खुश रह स्कू ।अल्लाह खैर करे।



मेरा होना तेरे बिन ना होने के बराबर है। मेरा तेरे बिन जीना जीना नही जीते हुए मरने के बराबर है। तू कुछ कर दे ऐसा की इस बेजान केशव में जान आ जाए, इस बेचैन दिल को चैन आ जाए, इस दर्द से लिपटे दिल को सुकून आ जाए, कुछ कर ऐसा की मुझे में मैं मिट जाऊ बस तू रह जाए। मेरी अनसुयो की हो नीलामी कोई बात नही पर इन जख्मों पर कोई नमक ना लगाए बस कोई ऐसा इंतजाम हो जाए। अल्लाह खैर करे





WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA



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