NAZM
आज वो पल आया जिसका मुझे बेसब्री से इंतजार था। आज वो खुशी दिखी उनके चहरे पर हो जो देखना चहता था। आज वो नूर था उनके चहरे पर जो लाखों सूरज के बराबर हो। आज मुझे वो वैसा दिखा जैसा मैं देखना चाहता था। मैं हु मैं रहूंगा उनका सदा है दूरियां काफी हमारे दरमेया। पर तय करुंगा वादा रहा। वादा रहा यह मुस्कान बरकरार रखूंगा सदा। आपको चाहता रहूंगा हमेशा ये वादा रहा। उसकी तारीफ कर पाऊं इतना कहा लिख पाता हु अच्छा मैं। पर कोशिश करुंगा जितना भी लिख पता हु मैं। उसके चहरे से शुरुवात करके देखते है। उसका चहरा अब मेरा चांद होगा। उसकी आंखों मेरा दरिया होगा। उसकी नाक उसकी खुशबू महसूस करवाएगी। उसके गाल मेरे सभी रंग छुएंगे। उसकी पलके मुझ पर बीछेंगी। उसकी आंखों में खुद को देखूंगा। उसके होठ जो भी बोलेंगे मुझे कोयल का भूलेखा पायेंगे।
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WRITTEN BY:- KESHAV SHARMA (kanha)
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