"तू फूलों पर गिरी बारिश की बूंदों जैसा है।
मेरे लिए तो तू सबसे अलग और मेरे जैसा है।"
तू फूलों पर गिरी बारिश की बूंदों जैसा है।
तू फूलों पर गिरी बारिश की बूंदों जैसा है।
मेरे लिए तो तू सबसे अलग और मेरे जैसा है।
क्या बताऊं तू कैसा है मेरे लिए तू मेरे अल्लाह जैसा है।
आपकी मुस्कान सौ दर्दों को भी हरा दे। तू दर्द पर मरहम जैसा है। इस जहान में लोग बहुत है पर तू लाखो तारो में एक चांद जैसा है।
अपने देखा है कभी खुद को की कैसे हो। हमे नही लगता की देखा होगा। कियोकि आपको जो देखे उनका हाल पागल जैसा है।
आपकी हसीं में कोई रुकावट नजर आती है ये क्या चीज है जो फूलों में कांटो जैसा है।
हमे आपको देखते रहने की तलब लगी रहती है। आपको सुनना चाहते है हम बस। पता नही आपसे हमारा रिश्ता क्यों अभी तक गैर जैसा है।
अब बस आप हमारे हो जाइए। और इस कदर हो जाइए। की आपकी आंखों में बस हम ही दिखे। पर मेरी और आपकी हैसियत में फासला जमीन और आसमान जैसा है।
आपको बस काम काम और काम की पड़ी रहती है। और हमारे लिए आपको याद करना ही काम जैसा है।
आप बड़े लोग हो। हम छोटे है जनाब। हमे बात करने का भी तरीके नही। हम बतमीज है जनाब। इसीलिए आपको पाना हमारे लिए एक खयाल जैसा है।
आपके कुछ सवाल जो आपको बहुत सताते है। की आप सबसे अलग हो क्यो मैं और लोगो सी नही। आप ही बताइए की कभी समुंदर दरिया जैसा बन सकता है। आप बुरे हो आपका सबसे गलत खयाल। इस खयाल को दिल में लाने से पहले ये जरूर सोचना की खुद को बुरा वो ही कहता है। जो कभी किसी की परख नही करता। आप जैसे हो बहुत ही ज्यादा अच्छे हो।
WRRITTEN BY:- KESHAV SHARMA
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